क्या आज सबरीमाला में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माना जाएगा? आज बहस होगी कि क्या देश की महिलाओं को उनका अधिकार मिलेगा या फिर एक बार फिर धर्म और परंपरा की आड़ लेकर महिलाओं को भगवान से दूर रखा जाएगा. दरअसल विशेष पूजा के लिए आज एक बार फिर सबरीमाला के कपाट खुल रहे हैं. शाम 5 बजे से रात 10 बजे लोग पूजा कर सकेंगे. भारी तादात में महिलाएं पहुंची हैं लेकिन उन्हें रोकने के लिए पूरुषों की भारी संख्या मौजूद है. पिछली बार 17 अक्टूबर से 22 अक्टूबर के बीच पुलिस और प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद महिलाएं पूजा नहीं कर सकी थीं. अब सवाल ये है कि कब तक महिलाएं के साथ भेदभाव होता रहेगा?